ગુરુવાર, 16 ફેબ્રુઆરી, 2017

स्फटिक का प्रयोग

आज हम बात करते हैं स्फटिक माला के बारे में.....🙏🏻

🌕स्फटिक का प्रयोग क्रिस्टल के रूप में साधु और संतों के द्वारा किया जाता हैं. साधु – संत या सिद्ध पुरुष स्फटिक का प्रयोग क्रिस्टल के रूप में वर्षों से प्राण तथा ऊर्जा की वृद्धि के लिए, नकारात्मक भावनाओं को, विचारों को दूर करने के लिए, अशुद्ध वातावरण से मुक्त रहने के लिए तथा गंभीर रोगों से बचने के लिए विभिन्न प्रकार से करते हैं.(ૐ  कार ज्योतिष)
📿1)धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्फटिक को धन की देवी लक्ष्मी जी का स्वरुप माना गया है, जिसे कंठ हार अर्थात माला के रूप में धारण किया जाता है। (ૐ  कार ज्योतिष)
📿2)स्फटिक निर्मल,रंगहीन, पारदर्शी और शीत प्रभाव रखने वाला उप-रत्न है। आयुर्वेद में स्फटिक का प्रयोग सभी प्रकार के ज्वर, पित्त प्रकोप, शारीरिक दुर्बलता एवं रक्त विकारों को दूर करने के लिए शहद अथवा गौ मूत्र के साथ औषधि के रूप में किया जाता है।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿3) ज्योतिष की दृष्टि से स्फटिक को पूर्ण विधि-विधान और श्रद्धाभाव के साथ कंठ हार के रूप में धारण करते रहने से समस्त कार्यों में सफलता मिलने लगती है तथा विवाद और समस्याओं का अंत होने लगता है। (ૐ  कार ज्योतिष)
📿4) इसके अलावा स्फटिक की माला धारण करने से शत्रु भय भी नहीं रहता है। किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए घर से बाहर जाने से पहले यदि माता लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करने के बाद स्फटिक की माला धारण करके जाया जाये तो वह कार्य आसानी से पूरा हो सकता है और उस कार्य में सफलता मिल सकती है।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿5)  यदि घर-परिवार में किसी कारण से आर्थिक संकट चल रहा हो तो स्फटिक रत्न को गंगा जल से पवित्र करने के बाद मंत्रो से शुद्ध करके पूजा स्थल पर रखना शुभ होता है।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿6)  इसके साथ-साथ धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी जी के मन्त्र 'ओउम श्री लक्ष्मये नम: ' का कम से कम एक माला जाप प्रतिदिन करना चाहिए। (ૐ  कार ज्योतिष)
📿7)  व्यापारिक प्रतिष्ठानों और दुकानों के स्वामी यदि पवित्र एवं मन्त्रों से सिद्ध की गयी स्फटिक की माला अथवा स्फटिक रत्न को अपनी धन रखने की तिजोरी में रखें तो आश्चर्यजनक रूप से व्यापार में लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।(ૐ  कार ज्योतिष)
(  यह उपाय करते समय इतना अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि जिस तिजोरी में स्फटिक माला अथवा रत्न रखा जाये उसका दरवाजा उत्तर दिशा में ही खुले। वैसे भी वास्तु शास्त्र के अनुसार धन रखने की तिजोरी सदैव दक्षिण दिशा में ही रखनी चाहिए जिससे कि जब उसे खोला जाये तो उसका दरवाजा या मुख उत्तर दिशा में ही खुले। )(ૐ  कार ज्योतिष)
📿8)  स्फटिक आर्थिक तंगी का नाश करता है।यह विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने वाला और विघ्रो को मिटाने वाला होता है।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿9)  स्फटिक की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह पहनने वाले किसी भी पुरुष या स्त्री को एकदम स्वस्थ रखता है। इसके बारे में यह भी माना जाता है कि इसे धारण करने से भूत- प्रेत आदि की बाधा से मुक्त रहा जा सकता है।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿10)  इसे पहनने मात्र से ही शरीर में इलैक्ट्रोकैमिकल संतुलन उभरता है और तनाव-दबाव से मुक्त होकर शांति मिलने लगती है। स्फटिक की माला के मणकों से रोजाना सुबह लक्ष्मी देवी का मंत्र जप करना आर्थिक तंगी का नाश करता है।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿11) रुद्राक्ष और मूंगा के साथ पिरोया गया स्फटिक का ब्रेसलेट खूब पहना जाता है। इससे व्यक्ति को डर और भय नहीं लगता। उसकी सोच-समझ में तेजी और विकास होने लगता है। मन इधर-उधर भटकने की स्थिति में, सुख-शांति के लिए स्फटिक पहनने की सलाह दी जती है।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿12)  स्फटिक में दिव्य शक्तियां या ईश्वरीय पावर्स मौजूद होती हैं। इस कदर कि स्फटिक में बंद
एनर्जी के जरिए आपकी तमन्नाओं को ईश्वर तक खुद-ब-खुद पहुंचाता जता है। फिर यह धारण करने
वाले के मनमर्जी मुताबिक काम करता जता है और आपके दिमाग या मन में किसी किस्म के नकारात्मक विचार हरगिज नहीं पनप पाते।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿13)  स्फटिक की माला वास्तव में हमारी मानसदृष्टि ( Visualization ) की शक्ति को बढा देता है। इसका प्रभाव हमारे मस्तिष्क रूपी कम्प्यूटर पर पडता है अत: इसके द्वारा शरीर और मन में रहने वाली नकारात्मक शक्ति को दूर कर उसके स्थान पर सकारात्मक शक्ति का संचार किया जाता है। मन एवं भावनाओं के साथ-साथ शरीर के सातों चक्रों को संतुलित करके स्फटिक उनकी कार्य क्षमता का विकास करता है। क्रिस्टल व्यक्ति के चारों ओर (ૐ  कार ज्योतिष) एक शक्तिशाली सुरक्षा शक्ति काक्षेत्र लगभग 100 फीट तक बढा देता है। यह दूसरों द्वारा भेजे गए नकारात्मक विचारों के रूपों को प्रभावहीन कर देता है, इसके प्रयोग के बाद रोगियों के कमरों में जाने पर भी (जहाँ शक्तिशाली नकारात्मक विचार होते हैं) उनका कोई दुष्प्रभाव नहीं पडता।(ૐ  कार ज्योतिष)
📿14)  ह्वदय चक्र पर पैंडल या स्फटिक की माला के प्रयोग से रोग प्रतिरोघक शक्ति बढ जाती है क्योंकि यह थाईमस ग्रन्थि को बल प्रदान करती है।

अत: हम कह सकते हैं कि शक्तिवर्घक प्रकृति का यह अनमोल सुरक्षा कवच मन, रोग एवं भावनाओं के उद्वेग को शांत कर शरीर व मन की शिथिलता को दूर कर स्वास्थ्य लाभ देता है, आत्मविश्वास और निर्भयता प्रदान कर व्यक्तित्व को निखारता है तथा आघ्यात्मिक विकास में सहयोग करता है। राक्षस को इस माला को धारण करके इसका दुर्लभ लाभ उठाना चाहिए



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